बिलासपुर. कोरोना वायरस के इस संक्रमण से लड़ने के लिए हर कोई अपना याेगदान दे रहा है। ऐसे में मुंगेली जिले के किसानाें ने मिसाल पेश की है। जिले के किसानों ने 2100 किलो से ज्यादा सब्जियां दान कर दी। यह सब्जियां कलेक्टर को जरूरतमंदों और गरीबों को बांटने के लिए सौंपी गई हैं। छत्तीसगढ़ में संभवत: ऐसा पहली बार हुआ है, जब आपदा के समय किसानों ने हाथ आगे बढ़ाया है। वहीं सूरजपुर के आश्रय गृह में कलेक्टर और एसपी पहुंचे और मजदूरों के साथ खीर-पूड़ी खाई।
मुंगेली के 67 किसानों ने 2176 किलो सब्जियां, जिसमें टमाटर, मिर्ची, धानिया, लौकी, आलू, प्याज, बैगन सहित अन्य सब्जियां भी शामिल हैं। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे को भेंट की। साथ ही किसानों ने इसके साथ मसाले व अन्य जरूरत की चीजें भी दी हैं। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में ऐसा पहली बार हुआ है, जबकि सार्वजनिक रूप से दान के लिए किसान एक साथ सामने आए हैं। वहीं राईस मिलरों ने भी 10-10 किलो चावल के 250 पैकेट और मसाले दिए हैं। बीआर साव ट्रस्ट की ओर से पांच लाख रुपए का चेक सौंपा गया है।
वहीं सूरजपुर में अन्य राज्यों से आए मजदूरों व अन्य लोगों के लिए रहने वाले खाने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए जिले में 31 शिविर बनाए गए हैं। देवनगर राहत शिविर में गुरुवार को कलेक्टर दीपक सोनी, एसपी राजेश कुकरेजा सहित अन्य अधिकारी पहुंचे और वहां बिहार के श्रमिकों से बातचीत की। इस दौरान अधिकारियों ने श्रमिकों के साथ बैठकर पूड़ी, सब्जी और खीर खाई। इस दौरान कलेक्टर ने कहा कि यह हमारे मेहमान की तरह हैं। इसलिए अतिथि देवो भव: का पूरी तरह से पालन किया जाए।
ड्यूटी के दौरान बैठने की सजा, रोकी गई वेतन वृद्धि
दूसरी ओर बिलासपुर में एसपी प्रशांत अग्रवाल ने दो आरक्षकों की एक वार्षिक वेतन वृद्धि रोक दी है। एसपी गुरुवार देर शाम लॉकडाउन के दौरान कानून-व्यवस्था देखने के लिए निकले थे। छितौनी चौक सदर बाजार में ड्यूटी के दौरान आरक्षक हरीश पाल और बृहस्पति बाजार में आरक्षक दिलीप कुमार रोतिया को बैठे हुए मिले। इस पर एसपी ने इसे कर्तव्य के प्रति अपेक्षित गंभीरता नहीं बरतना मानते हुए दोनों दोनों सिपाहियों पर कार्रवाई की है।